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संक्रंदन

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संक्रंदन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्कन्दन]

१. शक्र । इंद्र । सुरपति । उ॰— संक्रदन कृपाल सुरत्राता । बज्री भुक्ति मुक्ति के दाता ।—गिरिधर (शब्द॰) ।

२. पुराणानुसार भौत्य मनु के पुत्र का नाम ।

३. लड़ाई । युद्ध । संग्राम (को॰) ।

४. दे॰ 'कंदन' । यौ॰—संकंदननंदन, संकंदनपुत्र = (१) बालि नामक बानर । (२) अर्जुन । पार्थ ।