संक्रांति

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संक्रांति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सङ्क्रान्ति]

१. एक राशि से दूसरी राशि में गमन ।

२. सूर्य का एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने का समय । विशेष—प्राय: सूर्य एक राशि में ३० दिन तक रहता हैं । और जब वह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में जाता है, तब उसे संक्रांति कहते हैं । वास्तव में संक्रांति काल वही होता है जब सूर्य दो राशियों की ठीक सीमा पर या बीच में होता हैं । यह संक्रांति काल बहुत थोड़ा होता है । पुराणा- नुसार यह काल बहुत पुनीत माना जाता है और इस समय लोग स्नान, दान, पूजन इत्यादि करते हैं । इस समय का किया हुआ शुभ कार्य बहुत पुण्यजनक माना जाता है ।

३. वह दिन जिसमें सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है । ३, संगमन । मेल (को॰) ।

४. एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक का मार्ग (को॰) ।

५. हस्तांतरण (को॰) ।

६. प्रतिबिंब ।

७. अंकन । चित्रण (को॰) ।

८. विद्या दान की शक्ति (को॰) ।