संगूढ़

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संगूढ़ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्गूढ]

१. रेखा या लकीर आदि खींचकर निशान की हुई राशि या ढेर । विशेष—प्राय: लोग अन्न या और किसी प्रकार की राशी लगाकर उसे रेखाओं से घेर या अंकित कर देते हैं, जिसमें यदि कोई उस राशि में से कुछ चुरावे, तो पता लग जाय । इसी प्रकार अंकित की हुई राशि को संगूढ़ कहते हैं ।

संगूढ़ ^२ वि॰

१. पूर्णत: गुप्त या छिपाया हुआ ।

२. संकुचित । संक्षिप्त ।

३. मिला हुआ । संयुक्त ।

४. एकत्रित । राशीकृत [को॰] ।