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संजय

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संजय संज्ञा पुं॰ [सं॰ सञ्जय]

१. धृतराष्ट्र का मंत्री जो महाभारत के युद्ध के समय धृतराष्ट्र को उस युद्ध का विवरण सुनाता था । विशेष—कहते हैं कि इसे दिव्य दृष्टि प्राप्त थी; अतः यह हस्तिना- पुर में बैठा हुआ कुरुक्षेत्र में सारी घटनाएँ देखता था और उनका वर्णन अंधे धृतराष्ट्र को सुनाता था ।

२. सुपार्श्व का पुत्र ।

३. राजन्य के पुत्र का नाम ।

४. ब्रह्मा ।

५. शिव ।

६. विजय । जीत (को॰) ।

७. एक प्रकार का सैनिक व्यूह (को॰) ।