संतरी संज्ञा पुं॰ [अं॰ सेंटरी] १. किसी स्थान पर पहरा देनेवाला सिपाही । पहरेदार । उ॰—जब पहरा तिनके ह्वै गयौ । द्वितीय संतरी आवत भयो ।—रघुराज (शब्द॰) । २. द्वार पर खड़ा होकर पहरा देनेवाला । द्वारपाल । दौवारिक ।