संद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]संद † ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धि] दरार । छेद । विल ।
संद ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ (उप॰) सम् + √दश्, दंश् ( =दबाना) अथवा सन्दान ( =एक साथ बाँधना ?)] दबाव । उ॰—बोलि लिए यशुमति यदुनंदहि । पीत झगलिया की छबि छाजति विज्जुलता सोहति मनौ कंदहि । वाजापति अग्रज अंवाते अरजथान सुत माला गंदहि । मनो सुरग्रह ते सुरिरपु कन्या सीतै आवति ठुरि संदहि ।—सूर (शब्द॰) ।
संद पु ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ समन्दन] एक ऋषि । सनंदन ऋषि ।