संपा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संपा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सम्पा] विद्युत् । बिजली । उ॰—संपा घन बीच ऐसी चंपा बन बीच फूली, डारि सी कुँवरि कुभिलाति फूली डार गहें । भिखारी॰ ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ १६८ ।

२. साथ साथ पान करना या पीना (को॰) ।

संपा ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देशी] कांची । मेखला । करधनी [को॰] ।