संबोधन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संबोधन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सम्बोधन] [वि॰ संबोधित, संबोध्य]

१. जगाना । नींद से उठाना ।

२. पुकारना । आह्वान करना ।

३. व्याकरण में वह कारक जिससे शब्द का किसी को पुकारने या बुलाने के लिये प्रयोग सूचित होता है । जैसे,—हि राम !

४. जताना । ज्ञान कराना । विदित कराना ।

५. नाटक में आकाशभाषित ।

६. समझाना बुझाना । समाधान करना ।

७. संबोधन में प्रयुक्त किया जानेवाला शब्द (को॰) ।

८. जानकारी करना । समझना (को॰) ।