संलयन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादित करें]शब्दसागर
[सम्पादित करें]संलयन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ संलीन]
१. पक्षियों का नीचे उतरना या बैठना ।
२. लय को प्राप्त होना । लीन होन ।
३. नष्ट होना । व्यक्त न रहना ।
४. दे॰ 'संलय' ।
संलयन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ संलीन]
१. पक्षियों का नीचे उतरना या बैठना ।
२. लय को प्राप्त होना । लीन होन ।
३. नष्ट होना । व्यक्त न रहना ।
४. दे॰ 'संलय' ।