संलयन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ संलीन] १. पक्षियों का नीचे उतरना या बैठना । २. लय को प्राप्त होना । लीन होन । ३. नष्ट होना । व्यक्त न रहना । ४. दे॰ 'संलय' ।