संवरण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संवरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ संवरणीय, संवृत्त]

१. हटाना । दूर रखना । रोकना ।

२. बंद करना । ढाँकना ।

३. आच्छादित करना । छोपना ।

४. छिपाना । गोपन करना ।

५. छिपाव । दुराव ।

६. ढक्कन या परदा ।

७. घेरा । जिसके भीतर सब लोग न जा सकें । बाँध । बंद ।

९. सेतु । पुल ।

१०. किसी चित्रवृत्ति को दबाने या रोकने की क्रिया । निग्रह । जैसे,— क्रोध संवरण करना ।

११. गुदा के चमड़े की तीन परतों में से एक ।

१२. कुरु के पिता का नाम ।

१३. लेने के लिये पसंद करना । चुनना ।

१४. कन्या का विवाह के लिये वर या पति चुनना ।

१५. गुप्तभेद । रहस्य (को॰) ।

१६. कपट । व्याज । छद्म (को॰) ।