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संवर्त

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संवर्त संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जुटना । भिड़ना । (शत्रु से) ।

२. लपेटने की क्रिया भाव । लपेट ।

३. फेरा । घुमाव । चक्कर ।

४. प्रलय । कल्पांत ।

५. एक कल्प का नाम ।

६. लपेटी या बटोरी हुई वस्तु ।

७. पिंडी । गोला ।

८. बट्टी । टिकिया ।

९. घना समूह । घनी राशि ।

१०. प्रलयकाल के सात मेघों में से एक ।

११. इंद्र का अनुचर एक मेघ जिससे बहुत जल बरसता है । विशेष—मेघों के द्रोण, आवर्त्त, पुष्कलावर्त आदि कई नाम कहे गए हैं । जिस प्रकार आवर्त बिना जल का माना गया है, उसी प्रकार संवर्त अत्यंत अधिक जलवाला कहा गया है ।

१२. मेघ । बादल ।

१३. संवत्सर । वर्ष ।

१४. एक दिव्यास्त्र ।

१५. एक केतु का नाम ।

१६. निश्चित समय पर होनेवाला प्रलय । खड प्रलय (को॰) ।

१७. संकोच । आकुंचन (को॰) ।

१८. ग्रहों का एक योग ।

१९. विभीतक । बहेड़ा ।