संहत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]संहत ^१ वि॰ [सं॰]
१. खुब मिला । जुटा या सटा हुआ । बिल्कुल लगा हुआ । पूर्ण संबद्ध ।
२. एक हुआ । एक में मिला हुआ ।
३. संयुक्त । सहित ।
४. जो मिलकर ठोस हो गया हो । मिलकर खूब बैठा हुआ । कड़ा । सख्त ।
५. जो विरल या झीना न हो । गठा हुआ । घना ।
६. द्दढ़ांग । मजबूत । दृढ़ ।
७. एकत्र । इकट्ठा ।
८. मिश्रित । मिला हुआ ।
९. एक मत (को॰) ।
१०. अवरुद्ध । बंद (को॰) ।
११. चोट खाया हुआ । आहत । घायल । यौ॰—संहतकुलीन । संहातजानु । संहततल=अंजुलिवद्ध (हाथ) । जिसकी दोनों अँजुरिया मिली हुई हों । संहतपत्रिका । संहतबल=सुगठित सैन्य । संगठित सेना । संहतभू=जिसकी भौंह परस्पर मिली हों । एक में मिली हुई भौंहोंवाला । कुंचित भ्रू वाला । संहतमूर्ति=जिसकी शरीराकृति हृष्ट पुष्ट हो । द्दढ़ शरीरवाला । संहतस्तनी=पिष्ट और घने या अविरल स्तनोंवाली । संहतहस्त=हाथ से हाथ मिलाए हुए ।
संहत ^२ संज्ञा पुं॰ नृत्य में एक प्रकार की मुद्रा ।