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संहर्ष

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संहर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. उमंग से रोओं का खड़ा होना । पुलक । उमंग ।

२. भय से रोंगटे खड़े होना ।

३. चढ़ा ऊपरी । एक दूसरे से बढ़ने की चाह । स्पर्द्धा । लाग डाँट । होड़ ।

४. ईर्ष्या । डाह ।

५. वायु । हवा (को॰) ।

६. प्रसन्नता । आनंद । हर्ष (को॰) ।

७. काम का वेग । कामोत्तेजना (को॰) ।

८. संघर्ष । रगड़ ।

९. मर्दन । शरीर की मालिश ।