सई
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ सही] मल्लाहों की परिभाषा में नाव खींचने की गून को कड़ा करना ।
सई ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰] पराक्रम । प्रयत्न । कोलिश । यौ॰—सई सिफारिश = दौड़धूप या कोशिश पैरवी ।
सई पु ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ श्री] वृद्धि । बरकत । उ॰—खग मृग सबर निसाचर सब की पूँजी बिनु बाढ़ी सई ।—तुलसी (शब्द॰) ।
सई ‡ ^४ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक नदी का नाम जो शाहजहाँपुर से निकल कर जौनपुर में गोमती से मिलती है । उ॰—सई तीर बसि चले बिहाने । श्रृंगबेरपुर सब निअराने ।—मानस, २ ।१८९ ।
सई † ^५ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सखी, प्रा॰ सही] दे॰ 'सखी' ।