सक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सक † संज्ञा पुं॰ [सं॰ शक] दे॰ 'शक' ।

सक ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ शक्ति, सकत] दे॰ 'शक्ति', 'सकत' ।

सक पु ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰ शक्] सदह । शंका शक ।

सक पु ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शाका] साका । धाक । मुहा॰—सक बाँधना = (१) धाक बाँधना । (२) मर्यादा स्थापित करना । यौ॰—सकबंधी = धाक बाँधने या मर्यादा स्थापित करनेवाला । उ॰—हों सो रतनसेन सकबंधी । राहु बेधि जीता सैरंधी ।—जायसी (शब्द॰) ।