सक्का
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सक्का संज्ञा पुं॰ [अ॰ सक्क़ा]
१. भिश्ती । माशकी । उ॰—उछरि भड़क्का से परत पुनि छक्का से सड़क्का से भजन नेकु चाबुक खड़क्का से । सक्का से सवारै देत जीवन समर सदा जदुराज बाजी पर प्रान से उचक्का से ।—गोपालचंद (शब्द॰) ।
२. वह जो मशक में पानी भरकर लोगों को पिलात फिरता हो ।
३. एक प्रकार का पक्षी (को॰) ।