सक्थि

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सक्थि संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सश्रुत के अनुसार एक प्रकार का मर्म (स्थान) जो शरीर के ग्यारह मर्म स्थानों में माना गया है ।

२. जंघा । जाँघ (को॰) ।

३. जंघे की हड्डी (को॰) ।

४. गाड़ी का आगे का लट्ठा । जिसके बीच में अश्व वा बैल रहता है । दे॰ 'बम ^३' (को॰) ।