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सज

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सज ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सज्जा, हिं॰ सजावट]

१. सजने की क्रिया या भाव । यौ॰—सजधज ।

२. रूप । बनाव । डौल । शकल ।

३. शोभा । सौंदर्य । सजावट । श्रृंगार ।

सज ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बहुत लंबा वृक्ष । असीन का पेड़ । विशेष—इस वृक्ष के पत्ते शिशिर ऋतु में झड़ जाते हैं । यह हिमालय, बंगाल और दक्षिण भारत में अधिकता से पाया जाता है । इसके हीर की लकड़ी बहुत कड़ी और मजबूत होती है । इसकी लकड़ी का रंग स्याही लिए भूरा होता है और यह जहाज, नाव आदि बनाने में काम आती है । इसे कहीं कहीं असीन भी कहते हैं । यह बहुत लंबा वृक्ष होता है ।