सजाय
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सजाय ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह जो अपनी स्त्री के सहित वर्तमान हो ।
सजाय †पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ सजा] दे॰ 'सजा' । उ॰—पैहहि सजाय नतु कहत बजाय तोहिं, बावरी न होहि बानि जानि कपिनाह की । आन हनुमान को दोहाई बलवान की, सपथ महाबीर की, जो रहै पीर बाँह की ।—तुलसी (शब्द॰) ।