सत्संग
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जिन प्रवचनों के द्वारा सत्य ज्ञान प्राप्ति होता हो उसे सत्संग कहते हैं। वर्तमान में एकमात्र संत तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्रों के आधार पर सत्य ज्ञान समाज को प्रदान कर रहे हैं।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सत्संग संज्ञा पुं॰ [सं॰ सत्सङ्ग] साधुओं या सज्जनों के साथ उठना बैठना । अच्छा साथ । भली संगत । अच्छी सोहबत ।