सथिया

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सथिया संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्वस्तिक, प्रा॰ सत्थिअ]

१. एक प्रकार का मंगलसूचर या सिध्दिदायक चिह्न जो कलश, दीवार आदि पर बनाते हैं और जो समरोण पर काटती हुई दो रेखाओं के रुप में होता है । /?/ । स्वस्तिक चिह्न । उ॰— द्वारा बुहारत अष्ट सिध्दि । कौरेन सथिया चीतन नवनिधि । — सूर (शब्द॰) ।

२. देवता आदि के पदतल का एक चिह्न ।

३. फौड़े आदि की चीरफाड करनेवाला । जरहि ।