सदाबहार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सदाबहार ^१ वि॰ [हिं॰ सदा + फा़॰ बहार ( = बसंत ऋतु, फूल पत्ती का समय)]

१. जो सदा फूले ।

२. जो सदा हरा रहे जिसका पतझड़ न हो । जिसमें बराबर नए पत्ते निकलते और पुराने झड़ते रहें । विशेष—वृक्ष दो प्रकार के होते हैं । एक तो पतझड़वाले, अर्थात् जिनकी सब पत्तियाँ शिशिर ऋतु में झड़ जाती और बसंत में सब पत्तियाँ नई निकलती हैं । दूसरे सदाबहार अर्थात् वे जिनके पत्ते झड़ने की नियत ऋतु नहीं होती और जिनमें सद्रा हरी पत्तियाँ रहती हैं ।

सदाबहार ^२ संज्ञा पुं॰ एक प्रकार के फूल का नाम ।