सनत्कुमार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सनत्कुमार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. ब्रह्मा के चार मानस पुत्रों में से एक । वैधात्र । विशेष—ये सबसे पहले प्रजापति कहे गए हैं ।
२. बारह सार्वभौमों या चक्रवर्तियों में से एक । (जैन) ।
३. जैनों के अनुसार तीसरे स्वर्ग का नाम ।
४. वह संत जिसकी अवस्था हमेशा एक सी रहे । सर्वदा बाल्य या युवावस्था में रहनेवाला तपस्वी (को॰) ।