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सनमुख

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सनमुख पु अव्य॰ [वि॰ सम्मुख] दे॰ 'सम्मुख' । उ॰—सनमुख आएउ दधि अरु मीना । कर पुस्तक दुइ बिप्र प्रबीना ।—मानस, १ ।३०३ ।