सन्धान
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]संधान संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धान]
१. धनुष पर बाण चढ़ाने की क्रिया । लक्ष्य करने का व्यापार । निशाना लगाना ।
२. शराब बनाने का काम ।
३. मदिरा । शराब ।
४. संघट्टन । योजन । मिलाना । मिश्रण (ओषधि या अन्य पदार्थों का) ।
५. अन्वेषण । खोज ।
६. मुरदे को जिलाने की क्रिया । पुनर्जीवन । संजीवन ।
७. एक मिश्रित धातु । काँसा । काँस्य ।
८. संधि । जोड़ ।
९. अच्छे स्वाद की चीज ।
१०. काँजी ।
११. मैत्री । मेल । दोस्ती (को॰) ।
१२. अवधान (को॰) ।
१३. निदेशन (को॰) ।
१५. संभालना । सहारा देना (को॰) ।
१६. अँचार आदि बनाना (को॰) ।
१७. रकतस्त्राव का अवरोध करनेवाली औषधियों के द्रारा चमड़े की सिकुड़न (को॰) ।
१८. सौराष्ट्र या काठियावाड़ का एक नाम । यौ॰—संधानकर्ता = संधान करनेवाला । संधानताल = संगीत में एक ताल । संधानभांड = अचार आदि बनाने का पात्र । संधानभाव = दे॰ 'संधानताल' ।