सन्नाटा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सन्नाटा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शून्य, हिर॰ सुन्न + आटा (प्रत्य॰)]

१. चारों ओर किसी प्रकार का शब्द न सुनाई पड़ने की अवस्था ।

सन्नाटा ^२ वि॰

१. जहाँ किसी प्रकार का शब्द आदि न सुनाई पड़ता हो । नीरव । स्तब्ध ।

२. निर्जन । निराला । जैसे,—सन्नाटा मैदान ।

सन्नाटा ^३ संज्ञा पुं॰ [अनु॰ सनसन]

१. हवा के जोर से चलने की आवाज । वायु के बहने का शब्द । जैसे,—आज तो बड़े सन्नाटे की हवा है । मुहा॰—सन्नाटे का = सन सन शब्द के साथ बहता हुआ ।

२. हवा चीरते हुए तेजी से निकल जाने का शब्द । वेग से वायु में गमन करने का शब्द । मुहा॰—सन्नाटे के साथ या सन्नाटे से = वेग से । झोंके से । बड़ी तेजी से । जैसे,—तीर सन्नाटे से निकल गया ।