सबक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सबक संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ सबक़]

१. उतना अंश जितना एक बार में पढ़ाया जाय । पाठ । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पढ़ना ।—पढ़ाना ।—लेना ।

२. शिक्षा । नसीहत ।

३. अनुभव । तजुर्बा । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पाना ।—मिलना ।—लेना ।