सबक संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ सबक़] १. उतना अंश जितना एक बार में पढ़ाया जाय । पाठ । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पढ़ना ।—पढ़ाना ।—लेना । २. शिक्षा । नसीहत । ३. अनुभव । तजुर्बा । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पाना ।—मिलना ।—लेना ।