समन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

समन पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शमन]

१. दे॰ 'शमन' ।

२. यम । उ॰— मातु मृत्यु पितु समन समाना ।—मानस, ३ ।२ ।

समन ^२ वि॰ दे॰ 'शमन' । उ॰—(क) समन अमित उतपात सब भरत चरित जप जाग ।—मानस, १ ।४१ । (ख) समन पाप संताप सोक के ।—मानस, १ ।३२ ।

समन ^३ संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰] चमेली का पुष्प [को॰] । यौ॰—समनअंदाम, समनपैकर=चमेली के फूल की तरह सुकु- मार शरीरवाला । समनइजार, समनखद=चमेली के फूल जैसे कपोलवाला । समनजार=चमेली का बाग । समनबू= चमेली की गंधवाला । समनरू=चमेली के फूल जैसा कांति- मान । समनसाक=वह सुंदरी जिसकी पिंडलियाँ चमेली जैसी सफेद हों ।

समन ^४ संज्ञा पुं॰ [अ॰] कीमत । दाम । मूल्य [को॰] ।

समन ^५ संज्ञा पुं॰ [अं॰ समन्स] न्यायालय द्वारा प्रतिवादी या गवाहों को इजलास के संमुख नियत तिथि पर उपस्थित रहने के लिये भेजी गई लिखित सूचना या बुलावा । दे॰ 'सम्मन' । जैसे,— समन बगरज इनफिसाल मुकदमा ।