समन्वय संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. नियमित परंपरा या क्रमबद्घता । २. मिलन । मिलाप । सयोग । संसर्ग । संश्लेष । ३. कार्य कारण का प्रवाह या निर्वाह होना । ४. विरोध का अभाव । विरोध का न होना ।