समाजी संज्ञा पुं॰ [हिं॰ समाज+ई (प्रत्य॰)] १. वह व्यक्ति जो वेश्याओं के यहाँ तबला, सारंगी आदि बजाता है । सपरदाई । २. किसी समाज का अनुयायी (विशेषतः आर्यसमाज का) । जैसे-आर्य- समाजी । ३. वह व्यक्ति जो सामाजिक हो ।