समुद्धरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वह अन्न जो वमन करने पर पेट से निकला हो । २. ऊपर की ओर उठाने, खींचने या बाहर निकालने की क्रिया । ३. उद्धार । ४. दूरीकरण । निवारण (को॰) ।५. उच्छेद । उन्मूलन (को॰) ।