सरका ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ सरक़ा] चोरी [को॰] ।
सरका पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सरक (=गगन)] आकाश । मुहा॰—सरका कूटना = (१) गगन मंडल में बिहार करना । समाधिस्थ होना । लौ लगाना । (२) † ह्स्तमैथुन करना (बा्जारु) ।