सराध
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सराध ‡ संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्राद्ध] दे॰ 'श्राद्ध' । उ॰—(क) जज्ञ सराध न कोऊ करै ।—सुर, १ ।२६० । (ख) द्विज भोजन मख होम सराधा । सब कै जाइ करहु तुम बाधा ।—मानस,१ ।१८१ । यौ॰—सराधपख = श्राद्ध का पक्ष या पखवारा जो आश्विन कृ॰ १ से अमावास्या तक माना जाता है । पितृपक्ष । उ॰—जौ लगि काग सराध पख तौ लगि तौ सनमानु ।—बिहारी र॰, दो॰ ४३४ ।