सराफ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सराफ संज्ञा पुं॰ [अ॰ सरफ़ि]
१. रुपए पैसे या चाँदी सोने का लेन देन करनेवाला महाजन ।
२. सोने चाँदी का व्यापारी ।
३. सोने चाँदी के बरतन, जेवर आदि का लेन देन करनेवाला ।
४. बदले के लिये रुपए पैसे रखकर बैठनेवाला दूकानदार । यो॰—सरफखाना = जहाँ सराफे का काम होता हो । सराफ ।
सराफ संज्ञा पुं॰ [अ॰ सर्राफ़]
१. सराफी का काम । रुपए पैसे या सोने चाँदी के लेन देन का काम ।
२. वह स्थान जहाँ सराफों की दूकानें अधिक हों । सराफों का बाजार । जैसे,—अभी सराफ नहीं खुला होगा ।
३. कोठी । बंक । क्रि॰ प्र॰—खोलना ।