सराहना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सराहना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ श्वाघन]
१. तारीफ करना । बड़ाई करना । प्रंशसा करना । उ॰—(क) ऊँचे चितै सराहियत गिरह कबूतर लेत । दृग झलकित मुकलित बदन तन पुलकित हित हेत ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) कजे फल देखी सोइ य फीका । ताकर काह सराहे नोका ।—जायसी (शब्द॰) । (ग) सबै सराहत सीय लुनाई ।—तुलसी (शब्द॰) ।
सराहना ^२ संज्ञा स्त्री॰ प्रशंसा । तारीफ । उ॰—श्रीमुख जासु सराहना कीन्ही श्री हरिचंद ।—प्रतापनारायण (शब्द॰) ।