सरो

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सरो संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ सर्व] एक सीधा पेड़ जो बगीचों में शोभा के लिये लगाया जाता है । बनझाऊ । विशेष— इस पेड़ का स्थान काश्मीर, अफगानिस्तान और फारस आदि एशिया के पश्चिमी प्रदेश हैं । फारसी की शायरी में इसका उल्लेख बहुत अधिक है । ये शायर नायिका के सीधे डीलडौल की उपमा प्राय: इसी से दिया करते हैं । यह पेड़ बिलकुल सीधा ऊपर को जाता है । इसकी टहनियाँ पतली होती हैं और पत्तियों से भरो होने के कारण दिखाई नेहीं देतीं । पत्तियाँ टेढ़ी रेखाओं के जाल के रुप में बहुत घनी और सुंदर होती है । यह पेड़ झाऊ की जाती का है, और उसी के से फल भी इसमें लगते है ।