सरोद संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] १. बीन की तरह का एक प्रकार का बाजा । विशेष— इसमें ताँत और लोहे के तार लगे रहते हैं और इसके आगे का हिस्सा चमड़ा से मढ़ा रहता है । २. नाचने गाने की क्रिया । गान और नृत्य ।