सर्पण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ सर्पित, सर्पणीय] १. रेंगना । सरकना । २. धीरे धीरे चलना । ३. छोड़े हुए तीर का भूमि से लगा हुआ जाना । ४. कुटिल या वक्र गति [को॰] ।