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सर्म

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सर्म पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शर्म] दे॰ 'शर्म' । कल्याण । देहि अवलंब न विलंब अंभोजकर चक्रधर तेज बल सर्म रासी ।—तुलसी (शब्द॰) ।

सर्म ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. गति । गगन ।

२. आकाश । व्योम ।

३. स्वर्ग [को॰] ।

सर्म ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शर्मन्] प्रसन्नता । आनंद । खुशी [को॰] ।