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सवन

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सवन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. प्रसव । बच्चा जनना ।

२. श्योनाक वृक्ष । सोनापाठा ।

३. यज्ञस्नान ।

४. सोमपान ।

५. यज्ञ । ६ चंद्रमा ।

७. पुराणानुसार भृगु के एक पुत्र का नाम ।

८. वशिष्ठ के एक पुत्र का नाम ।

९. रोहित मन्वंतर के सप्तर्षियों में से एक ऋषि का नाम ।

१०. स्वायंभुव मनु के एक पुत्र का नाम ।

११. अग्नि का एक नाम ।

१२. सोमलता को निचोड़कर रस निकालना (को॰) ।

१३. उपहार । बलि (को॰) । यौ॰— सवनकाल = आहुति देने, तर्पण आदि का समय । सवनक्रम = यज्ञादि के विभिन्न कृत्यों का क्रम । सवनसंस्था = यज्ञ कर्म का अंत या समाप्ति ।