सात्विक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सात्विक ^१ वि॰ [सं॰ सात्त्विक]

१. सत्वगुण से संबंध रखनेवाला । सतोगुणी ।

२. जिसमें सत्वगुण की प्रधानता हो ।

३. सत्व गुण से उत्पन्न ।

४. वास्तविक । यथार्थ ।

५. सत्य । स्वाभाविक (को॰) ।

६. ईमानदार । सच्चा (को॰) ।

७. गुणयुक्त (को॰) ।

८. शक्तिशाली । ओजपूर्ण (को॰) ।

९. आंतरिक भावना से प्रेरित (को॰) ।

सात्विक ^२ संज्ञा पुं॰

१. सतोगुण से उत्पन्न होनेवाले निसर्गजात अंगविकार । ये आठ प्रकार के होते हैं,—स्तंभ, स्वेद, रोमांच, स्वरभंग, कंप, वैवर्ण अश्रु और प्रलय । विशेष—केशव के अनुसार आठवाँ प्रलय नहीं प्रलाप होता है ।

२. साहित्य के अनुसार एक प्रकार की वृत्ति जिसका व्यवहार अद्भुत, वीर, श्रृंगार और शांत रसों में होता है । सात्वती वृत्ति ।

३. ब्रह्मा ।

४. विष्णु ।

५. चार प्रकार के अभिनयों में से एक । सात्विक भावों को प्रदर्शित करके, हँसने, रोने, स्तंभ और रोमांच आदि के द्वारा अभिनय करना ।

६. ब्राह्मण (को॰) ।

७. शरद् ऋतु की रात्रि (को॰) ।

८. बिना जल के दी जानेवाली आहुति या बलि (को॰) ।