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साधर्म्य

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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साधर्म्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] समान धर्म होने का भाव । एकधर्मता । समानधर्मता । तुल्यधर्मता । इन दोनों में कुछ भी साधर्म्य नहीं है । उ॰—मनुष्यों के रूप, व्यापार या मनोवृत्तियों के सादृश्य, साधर्म्य की दृष्टि से जो प्राकतिक वस्तु व्यापार आदि लाए जाते हैं, उनका स्थान गौण ही समझना चाहिए ।—रस॰, पृ॰ ९ ।