सामंत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सामंत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सामन्त]
१. वीर । योद्धा । उ॰—अजबेससामंत भगवान बौले त्याहीँ । सेस ज्वाला की सी पर सोनागिर ज्याहीँ ।—रा॰ रू॰, पृ॰ ११४ ।
२. कीस राज्य का करद कोई बड़ा जमींदार या सरदार । शूक्रनीति के अनुसार वह नरेश जिसकी भूमि का राजस्व ।
३. पड़ोसी ।
४. श्रेष्ठ प्रजा ।
५. समीपता । सामीप्य । नजदीकी ।
६. पड़ोसी राजा । पड़ोस के राज्य का नरेश (को॰) ।
सामंत ^२ वि॰
१. समीपवर्ती । सीमावर्ती । सरहदी ।
२. अनुगत । सेवक ।
३. सर्वव्यापक । ४• राजा का चाकर(दास) विश्वव्यापक [को॰] ।