सामक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सामक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्यामक, प्रा॰ सामय] साँवाँ नामक अन्न । विशेष दे॰ 'साँवाँ' ।

सामक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह मूल धन जो ऋण स्वरूप लिया या दिया गया हो । कर्ज का असल रुपया ।

२. सान धरने का पत्थर ।

३. वह जो सामवेद् का अच्छा ज्ञाता हो ।

४. समान धन ।

सामक ^३ वि॰ सामवेद संबंधी । सामवेदीय [को॰] ।