सामान

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सामान संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]

१. किसी कार्य के लिये साधन स्वरूप आवश्यक वस्तुएँ । उपकरण । सामग्री ।

२. माल । असबाब । मुहा॰—सामान बनना = (१) वस्तुओं का तैयार होना । (२) किसी प्रकार की तैयारी होना । सामान बाँधना = माल असबाब बाँधकर चलने की तैयारी करना ।

३. औजार ।

४. बंदोबस्त । इंतजाम । उ॰—इसके नाम व निशान को भी मिटा देने का सामान कर रहे है ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ३६२ । क्रि॰ प्र—करना ।—होना ।