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साम्य

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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साम्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. समान होने का भाव । तुल्यता । समानता । जैसे,—इन दोनों पुस्तकों में बहुत कुछ साम्य है ।

२. दृष्टिकोण की समानता या एकता (को॰) ।

३. संगति । सामंजस्य (को॰) ।

४. अवधि । माप । काल । सम (को॰) ।

४. समता की स्थिति । उदासीनता । तटस्थता । निष्पक्षता (को॰) । यौ॰—साम्यग्राह = (१) घड़ियाल बजानेवाला । (२) संगीत में 'सम' को ग्रहण करने और ताल देनेवाला । साम्यताल- विशारद = लय और ताल का ज्ञात । जो लय और ताल का जानकर हो ।