सारनाथ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सारनाथ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सारङ्गनाथ] बनारस से उत्तरपश्चिम चार मील पर एक प्रसिद्ध स्थान । विशेष—यह स्थान हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों का एक प्रसिद्ध तीर्थ है । यही प्राचीन मृगदाव है जहाँसे भगवान् बुद्ध ने अपना उपदेश आरंभ (धर्मचक्र प्रवर्तन) किया था । यहाँ खुदाई होने पर कई बौद्धस्तूप, बौद्ध मंदिरों का ध्वंसावशेष तथा कितनी ही हिंदू, बौद्ध और जन मूर्तियाँ पाई गई हैं । इसके अतिरिक्त अशोक का एक स्तंभ भी यहाँ पाया गया है ।