सारी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सारी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. सारिका पक्षी । मैना । उ॰—शुभ सिद्धांत वाक्य पढ़ते हैं शुक सारी भी आश्रम के ।—पंचवटी,—पृ॰ ९ ।
२. पासा । गोटी ।
३. सातला । सप्तला । थूहर ।
४. भौहों की भंगिमा या वक्रता (को॰) ।
सारी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शाटिका,शाटी, हि॰ साड़ी]
१. दे॰ 'साड़ी' । उ॰—तन सुरंग सारी, नयन अंजन बेंदी भाल । सजे रही जग जालिमा भामिनि देखहु लाल ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५२ ।
सारी † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ साला] स्त्री की बहन । पत्नी की बहन ।
सारी पु ^४ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सार] मलाई । बालाई । साढ़ी ।
सारी ^५ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सारिन्] वह जो अनुकरण करनेवाला हो । वह जो अनुसरण करे ।
सारी ^६ वि॰ [सं॰ सारिन्]
१. गमनशील । जानेवाला । गंता ।
२. किसी वस्तु का सार भाग लेनेवाला (को॰) ।