साहिर संज्ञा पुं॰ [अ॰] [बहु व॰ सहरा] जादूगर । उ ।— अफसोस मार झटपट दिल को रखै है अटका । किस साहिरों से सीखा जुल्फों ने तेरी लटका । — कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰१९ ।