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सिंधी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सिंधी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ सिंध + ई (प्रत्य॰)] सिंध देश की बोली या भाषा । विशेष—यह समस्त सिंध प्रांत और उसके आसपास लास बेला, कच्छ और बहावलपुर आदि रियासतों के कुछ भागों में बोली जाती है । इसमें फारसी और अरबी भाषा के बहुत अधिक शब्द मिल गए हैं । यह लिखी भी एक प्रकार की अरबी फारसी लिपि में ही जाती है । इसमें 'सिरैकी', 'लारी' और 'थरेली' तीन मुख्य बोलियाँ हैं । पश्चिमी पंजाब की भाषा के समान इसमें भी दो स्वरों के बीच में कहीं कहीं 'त' पाया जाता है ।

सिंधी ^२ वि॰ सिंध देश का । सिंध देश संबंधी ।

सिंधी ^३ संज्ञा पुं॰

१. सिंध देश का निवासी ।

२. सिंध देश का घोड़ा जो बहुत तेज और मजबूत होता है । अत्यंत प्राचीन काल से सिंध घोड़े की नस्ल के लिये प्रसिद्ध है ।